Skip to main content

शोध परियोजनाएँ

भा.सा.वि.अ.प. देश में उन्नत शोध के गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए सामाजिक और मानव विज्ञान के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने एवं प्रायोजित करने के साथ समन्वयन करता है। इसके अनुरूप, भारतीय सामाजिक और मानव विज्ञान शोधकर्ताओं को दीर्घ और लघु शोध परियोजनाएँ प्रदान की जाती हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों के लिए साक्ष्य-आधारित समाधान प्रस्तुत करके राष्ट्रीय विकास में योगदान प्रदान करना है।

पात्रता

2.1 वे शोधकर्ता जो यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/मानद विश्वविद्यालयों/संबद्ध महाविद्यालयों, (2) एफ या 12(बी) के तहत संस्थानों, भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थानों, भा.सा.वि.अ.प. के मान्यता प्राप्त संस्थानों और शिक्षा मंत्रालय (एमओई) द्वारा परिभाषित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में संकाय के रूप में स्थायी रूप से कार्यरत हैं या सेवानिवृत्त हैं, वे आवेदन करने के पात्र हैं। परियोजना निदेशक और सह-परियोजना निदेशक के पास पीएचडी डिग्री भी होनी चाहिए।

2.2 अपवादात्‍मक मामलों में, पीएचडी डिग्री वाले स्वतंत्र शोधकर्ता जो खंड 2.1 में उल्लिखित किसी भी संस्थान से स्थायी रूप से संबद्ध नहीं हैं, किंतु जिन्होंने प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित कम से कम दो एकल-लेखक पुस्तकों के लेखक हों और/या विशेषज्ञता-प्राप्‍त पत्रिकाओं में 05 लेख लिखे हैं, उन्हें भी सह-परियोजना निदेशक के रूप में माना जा सकता है। ऐसे विद्वानों को ऊपर 2.1 में दिए गए संस्थानों के संकाय के साथ सहयोग करना आवश्यक होगा।

2.3 इसके अतिरिक्‍त, पीएचडी डिग्री वाले वे शोधकर्ता जो खंड 2.1 में उल्लिखित शैक्षणिक/शोध संस्थानों में अनुबंधित पद में नियुक्त हैं और जिन्होंने प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित कम से कम दो एकल-लेखक पुस्तकें और/या विशेषज्ञता-प्राप्‍त पत्रिकाओं में 05 लेख लिखे हैं, वे भी सह-परियोजना निदेशक के रूप में आवेदन कर सकते हैं। उनके अनुबंध की समाप्ति की स्थिति में, वे परियोजना के पूरा होने तक सह-परियोजना निदेशक के रूप में काम करना जारी रख सकते हैं।

2.4 वरिष्ठ और सेवानिवृत्त सरकारी और रक्षा अधिकारी (जिनकी नियमित सेवा 5 वर्ष से कम न हो) जिनके पास किसी भी सामाजिक विज्ञान विषय में पी.एच.डी. की डिग्री हो और जिन्होंने प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित कम से कम दो एकल-लेखक पुस्तकों के लेखक हों और/या विशेषज्ञता-प्राप्‍त पत्रिकाओं में 05 लेख लिखे हों, वे भी उपरोक्त 2.1 में दिए गए संस्थानों के संकाय के सहयोग से सह-परियोजना निदेशक के रूप में आवेदन कर सकते हैं।

2.5 गैर-शैक्षणिक प्रतिभागी/हितधारक/स्थानीय समुदाय भी प्रमुख सूचनादाता की क्षमता में शोध टीम का हिस्सा हो सकते हैं।

अवधि और वित्‍तीय सहायता

परियोजनाअवधिबजट
लघु परियोजना12 महीनेरु.15.00 लाख
दीर्घ परियोजना24 महीनेरु.30.00 लाख

आवेदन प्रक्रिया

  • भा.सा.वि.अ.प. की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुले विज्ञापन के माध्यम से आवेदन-पत्र आमंत्रित किए जाएंगे।
  • फेलोशिप प्रदान करने की प्रक्रिया में कई चरणों में विषय-विशेषज्ञों के पैनल द्वारा आवेदनों का मूल्यांकन और पारस्‍परिक संवाद/आवेदन की प्रस्तुति प्रस्तुति शामिल होगी।

महत्वपूर्ण बिंदु

अध्‍ययन में सम्मिलित और अनुदान राशि जारी करना

  • • परियोजना निदेशक को भा.सा.वि.अ.प. द्वारा अधिसूचित प्रारंभ तिथि के अनुसार आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करके परियोजना में शामिल होना होगा, जैसे नोटरी द्वारा विधिवत सत्यापित 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर ‘घोषणा’, नोटरी द्वारा विधिवत सत्यापित 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर निर्धारित प्रारूप में घोषणा, दी गई समय सीमा पर या उससे पहले पहली किस्त के लिए अनुदान सहायता बिल और उन संबद्ध/प्रशासित संस्थानों के पीएफएमएस खाते का पंजीकरण अधिदेश फॉर्म जिन्होंने भा.सा.वि.अ.प. अनुदान के लिए अपने खातों को पीएफएमएस से नहीं जोड़ा है। भा.सा.वि.अ.प. द्वारा केवल अपवादात्‍मक परिस्थितियों में अधिकतम तीन महीने तक शामिल होने की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
  • दीर्घ एवं लघु शोध परियोजना के लिए अधिनिर्णय पत्र में दर्शाए गए अनुसार अनुदान, संबद्ध संस्थान को किश्तों में जारी किया जाएगा।
  • संबद्ध संस्था को उपरिव्‍यय प्रभार, निर्धारित प्रारूप में अंतिम परीक्षित लेखा-विवरण और उपयोगिता प्रमाणपत्र सहित अंतिम रिपोर्ट की प्राप्ति एवं भा.सा.वि.अ.प. द्वारा सत्‍यापन तथा स्वीकृति के बाद जारी किया जाएगा।
  • परियोजना निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके द्वारा किया गया व्यय स्वीकृत बजट शीर्षों और प्रासंगिक नियमों के अनुरूप हो। परियोजना के लिए स्वीकृत संपूर्ण राशि के लिए जीएफआर के फॉर्म 12ए में उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ परीक्षित लेखा-विवरण अनिवार्य है।

शोध परियोजनाओं की निगरानी

  • परियोजना निदेशक द्वारा किए गए शोध की निगरानी निर्धारित प्रारूप में प्रस्‍तुत सामयिक प्रगति रिपोर्ट के द्वारा की जाएगी। यदि शोध प्रगति असंतोषजनक पाई जाती है या यदि भा.सा.वि.अ.प. के किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो परियोजना को बंद/समाप्त किया जा सकता है। इस स्थिति में, पूरी राशि 10% दंडस्‍वरूप ब्याज के साथ वापस की जानी चाहिए।
  • विद्वान/पुरस्कार विजेता को परियोजना आउटपुट से उत्पन्न अपने सभी प्रकाशनों जैसे शोध पत्र, पत्रिकाओं और संपादित पुस्तकों में लेख आदि में भा.सा.वि.अ.प. के समर्थन को स्वीकार करना चाहिए, और उन्हें परियोजना के दौरान या उसके पूरा होने के बाद भा.सा.वि.अ.प. को इसकी एक प्रति प्रस्तुत करनी चाहिए।
  • यदि यह पाया जाता है कि संबद्ध संस्थान विद्वान के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और निर्धारित समयावधि में अध्ययन को पूरा करने में सहायता नहीं कर रहा है, तो भा.सा.वि.अ.प. संबद्ध संस्थान को बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
  • परियोजना निदेशक द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट की अंतिम किस्त जारी करने पर विचार करने से पहले भा.सा.वि.अ.प. द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ द्वारा इसका अनिवार्य रूप से मूल्यांकन किया जाता है।
  • परियोजना निदेशक परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्‍तरदायी होगा।
  • यदि परियोजना निदेशक अनुदान का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं कर पाता जिसके लिए उसे स्वीकृत किया गया है/या निर्धारित अवधि के भीतर व्यय का लेखापरीक्षित विवरण प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो उसे अनुदान की राशि 10% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित वापस करनी होगी।

शोध परिणाम

  • अंतिम रिपोर्ट की पांडुलिपि (मेनुस्क्रिप्‍ट) का कॉपीराइट भा.सा.वि.अ.प. के पास रहेगा। भा.सा.वि.अ.प. अपने द्वारा वित्तपोषित फेलोशिप रिपोर्ट को प्रकाशित करने के सभी अधिकार सुरक्षित रखता है, बशर्ते कि कार्य को विशेषज्ञ/विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशन हेतु अनुशंसित किया गया हो। भा.सा.वि.अ.प. से अनुमति प्राप्‍त होने के बाद ही विद्वान इसे स्वयं प्रकाशित करवा सकते हैं।
  • फेलोशिप के शोध परिणाम से तैयार सभी प्रकाशनों में विद्वान को भा.सा.वि.अ.प. के सहयोग के लिए अभिस्‍वीकृति ज्ञापित करना होगा।

स्वीकृति के उपरांत अनुरोध

  • आकस्मिक अनुदान का उपयोग शोध कार्य के लिए लेखन-सामग्री, कंप्यूटर टाइपिंग से संबंधित लागत, डेटा विश्लेषण और परामर्श के लिए फील्ड ट्रिप जैसी विशेष सहायता के लिए किया जा सकता है।