Publications/Books

You are here

समकालीन परिदृश्य और प्रभा खेतान के उपन्यास

Author
Rekha Kurra
Publication
2019

Publisher: Hindi Book Centre

About the Book

'समकालीन परिदृश्य और प्रभा खेतान' में युवा आलोचक रेखा कुर्रे ने प्रभा खेतान के उपन्यासों पर वृहत्तर संदर्भो में विचार किया है। यह पुस्तक आपको प्रभा खेतान के पूरे व्यक्तित्व, कृतित्व के साथ उनकी पूरी वैचारिकी को विस्तृत रूप में गहराई से प्रस्तुत करती है। प्रभा खेतान ने रुढिबध्द मारवाड़ी समाज की स्री होने के बावज़ूद स्री अस्मिता, स्वतंत्रता और आर्थिक स्वतंत्रता  की चेतना को बेबाकी के साथ अपने उपन्यासों और अपनी आत्मकथ में चित्रित है।  स्त्री ने आज नए-नए मुकाम अवश्य हासिल किये है किन्तु उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें पितृसत्तात्मक व्यवस्था में स्त्री जीवन की सच्चाई को बाल्यावस्था से जीवन के विभिन्न पड़ावो में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप में गहराई से देखने और समझने का यह एक माध्यम रहा है।  स्त्री जीवन तथा स्त्री -पुरुष संबंधो से जुड़े उन तमाम सवालों को इस पुस्तक में उठाया गया है।

हिंदी साहित्य के महिला लेखन की पूरी परंपरा में प्रभा खेतान के उपन्यासों की महत्ता और उपलब्धि को दर्शाया गया है। अस्तित्ववाद, मार्क्सवाद, नारीवाद, भूमंडलीकरण से लेकर उत्तर आधुनिकता के विमर्शो में स्त्री विमर्श तक की चर्चा प्रभा खेतान के विचारो के माध्यम से प्रस्तुत की गई है।  समकालीन परिदृश्य में सामाजिक परिवर्तनों की चर्चा उपन्यासों के माध्यम से की गई है। यह पुस्तक स्त्री - पुरुष के संबंधो की गहराई से पड़ताल भी करता है।  वर्तमान समय में स्त्री जीवन की अनेक विडंबनों और सवालो को भी उठाता हैं।  साथ ही साथ इन सवालो के जवाब साक्षात्कार के माध्यम से लेखिकाओं के विचारों को भी व्यक्त करती हैं। अतः इस पुस्तक के सन्दर्भ में यह दृष्ट्व्य है की रेखा कुर्रे ने स्त्री विमर्श और सामाजिक परिदृश्य के आलोक में प्रभा खेतान के उपन्यासों की न केवल सूक्ष्म पड़ताल की है बल्कि स्त्री - जीवन के व्यापक अनुभवों की कसौटी पर इसका तार्किक मूल्यांकन भी प्रस्तुत साहित्य प्रेमियों और अध्येताओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी।  साथ ही साथ शोधार्थियों के लिए भी यह पुस्तक महत्वपूर्ण साबित होगी।

About the Author

जन्म : छत्तीसगढ़  के रायगढ़ जिले में जन्म।  एम.ए. और एम. फिल. गुरु घासीदास विश्विद्यालय, बिलासपुर से करने के पश्चात्  पी – एच.डी.  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्विद्यालय , नई दिल्ली से।

संपादन और लेखन  : इग्नू नई  दिल्ली  के विभिन्न पाठ्यक्रमों में संपादन - सहयोग और पाठ लेखक के रूप में लेखन।  संघर्ष एवं 'क्रिएटिव स्पेस ' जॉर्नलस  के लिए सहयोगी संपादक के रूप में कार्य , विभिन्न पत्रिकाओ  में शोध आलेख और कविताएँ प्रकाशित।  विभिन्न राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय  संगोष्ठियो में शोध पत्र प्रस्तुति।

प्रकाशित कृति : स्त्री दृष्टि और प्रभा खेतान

अध्यापन एवं कार्यानुभव : रिसर्च एंड टीचिंग असिस्टेंट, इग्नू, नई  दिल्ली, 'असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी' गुजरात केंद्रीय विश्विद्यालय, गांधीनगर (गुजरात), 'असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी' के पद पर राजस्थान केंद्रीय विश्विद्यालय, बांदरसिंदरी, अजमेर (राजस्थान), यू.जी.सी. पोस्ट डॉक्टोरल फैलो, मानविकी विद्यापीठ, इग्नू, नई दिल्ली।

वर्तमान में : यू. पी. एस. सी. से चयनित 'असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी' के पद पर, महात्मा गांधी गवर्नमेंट कॉलेज, माही, पुडुचेरी।

Contents of Book