इस कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक विज्ञान के आमंत्रित शोधार्थियों को उल्लेखनीय महत्व के अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों / सम्मेलनों में पर्याप्त योगदान देने में सहायता प्रदान करना है। ऐसा करके, यह भारत और विदेशों में सामाजिक वैज्ञानिकों के बीच अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देता है, नई अंतर्दृष्टि विकसित करने के अवसर प्रदान करता है और उनके शोध परिप्रेक्ष्य को बढ़ाने और समाज विज्ञान विषयों में ज्ञान की प्रगति और प्रसार में योगदान करने का अवसर प्रदान करता है।
सामाजिक विज्ञान के विस्तृत विषय क्षेत्र के अंर्तगत निम्नांकित विषय हैं:
(i) समाजशास्त्र और सामाजिक नृविज्ञान;
(ii) राजनीति विज्ञान/लोक प्रशासन;
(iii) अर्थशास्त्र;
(iv) अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन;
(v) सामाजिक भूगोल और जनसंख्या अध्ययन;
(vi) वाणिज्य और प्रबंधन;
(vii) सामाजिक मनोविज्ञान;
(viii) शिक्षा;
(ix) सामाजिक भाषाविज्ञान/सामाजिक-सांस्कृतिक अध्ययन
(x) कानून / अंतर्राष्ट्रीय कानून
(xi) राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन;
(xii) अंतःविषय और बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अन्य संबद्ध सामाजिक विज्ञान विषयों (पुस्तकालय विज्ञान, सामाजिक कार्य, मीडिया अध्ययन, आधुनिक सामाजिक इतिहास, स्वास्थ्य अध्ययन, लिंग अध्ययन और पर्यावरण अध्ययन, ऊर्जा अध्ययन, डायस्पोरा अध्ययन, क्षेत्र अध्ययन, संस्कृत-सोसायटी और संस्कृति आदि)।
2.1 भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थानों / शिक्षा मंत्रालय द्वारा परिभाषित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों/यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों/ मानद विश्वविद्यालयों/ महाविद्यालयों में सेवारत संकाय सदस्य, जिनके पास पीएचडी की डिग्री है, आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
2.2 अपने शोध के उन्नत चरण में पीएचडी/पीडीएफ शोधार्थी भी पात्र हैं।
2.3 पर्याप्त शोध अनुभव और प्रदर्शन योग्य प्रकाशन विवरण रखने वाले स्वतंत्र शोधार्थी भी आवेदन कर सकते हैं।
2.4 यदि शोध पत्र में सह-लेखक हैं, तो पहले लेखक को प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन दूसरे लेखक (लेखकों) से अनापत्ति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य है।
2.5 ऐसे विद्वान, जिन्हें पोस्टर प्रस्तुति या सत्र की अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किया गया है या संयोजक/संपर्ककर्ता के रूप में चुना गया है या किसी कार्यशाला/प्रशिक्षण/पुनश्चर्या/ग्रीष्म/शीतकालीन पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है, पात्र नहीं हैं।
3.1 आवेदन वर्ष भर ऑनलाइन प्राप्त किए जाते हैं।
3.2 आवेदन संगोष्ठी/सम्मेलन की नियत तिथि से कम से कम तीन महीने पहले भेजे जाने चाहिए।
3.3 संगोष्ठी/सम्मेलन में भाग लेने के उपरांत किसी भी परिस्थिति में भा.सा.वि.अ.प. किसी भी आवेदन पर विचार नहीं करेगा।
3.4 ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद, उसकी एक मुद्रित प्रति, सभी संलग्नकों के साथ, इस पते पर भेजी जानी चाहिए: प्रभारी, आईसी डिवीजन, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली 110067
3.5 प्रस्तुत किये जाने वाले सभी आवश्यक दस्तावेज या तो अंग्रेजी या हिंदी में होने चाहिए।
4.1 आवेदनों की शुरुआती जांच भा.सा.वि.अ.प. सचिवालय द्वारा की जाती है।
4.2 इसके बाद एक विशेषज्ञ समिति आवेदकों की शोध पृष्ठभूमि, शोधपत्र की गुणवत्ता के साथ-साथ आयोजक संस्था की प्रतिष्ठा के आधार पर आवेदनों का चयन करती है।
4.3 विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को अंतिम अनुमोदन के लिए अनुसंधान समिति/परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
5.1 संकाय सदस्य इस योजना के अंतर्गत यात्रा के कुल व्यय के 50 प्रतिशत जिसमें हवाई यात्रा, वीजा शुल्क, यात्रा बीमा, स्थानीय परिवहन, विदेश में रहने की अवधि के लिए दैनिक भरणपोषण व्यय सम्मिलित है (सम्मेलन/ परिचर्चा के वास्तविक दिनों तथा यात्रा तिथियों से अधिक नहीं), और अमेरिकी डॉलर $200 तक के पंजीकरण शुल्क वित्तीय सहायता के रूप में प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे । हालांकि, लाभार्थियों को पंजीकरण शुल्क से छूट के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो विकासशील देशों के विद्वानों के लिए संभवतया उपलब्ध हो सकता है।
5.2 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित विद्वानों, निर्धारित स्तर के दिव्यांग व्यक्तियों और डॉक्टरेट/पोस्ट-डॉक्टरेट विद्वानों (वेतन सुरक्षा के बिना) को विशेषज्ञ समिति द्वारा पूर्ण वित्तीय सहायता के लिए विचार किया जा सकता है, यदि उन्हें अन्य स्रोतों से कोई वित्तीय सहायता न मिली हो। हालांकि, भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थानों के संकायों को विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर यात्रा की कुल लागत के 75 प्रतिशत तक की सहायता के लिए विचार किया जा सकता है।
6.1 मूल बोर्डिंग पास, उपस्थिति प्रमाण पत्र, व्यय का विवरण और संगोष्ठी/सम्मेलन/कार्यशाला/कार्यवाही पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर कुल व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
7.1 भा.सा.वि.अ.प. बुक किए गए टिकटों और प्रस्थान से पहले प्राप्त वीजा की एक प्रति
शोधार्थी से मांग सकता है।
8.1 भा.सा.वि.अ.प. उम्मीद करता है कि अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों आदि में प्रस्तुत किए गए इसके समर्थित शोधपत्र उच्चस्तरीय पत्रिकाओं/संपादित पुस्तकों/प्रभावशाली रिपोर्टों में भा.सा.वि.अ.प. को उचित अभिस्वीकृति के साथ प्रकाशित किए जाएंगे और प्रकाशक/आयोजकों से इसके बारे में प्रतिबद्धता लेकर उसे उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। भा.सा.वि.अ.प. के पास विदेशों में प्रस्तुत ऐसे पत्रों को अपनी पत्रिकाओं जैसे इंडियन सोशल साइंस रिव्यू, भा.सा.वि.अ.प. जर्नल ऑफ एब्स्ट्रैक्ट्स एंड रिव्यू आदि में प्रकाशित करने का अधिकार भी सुरक्षित है।
8.2 विश्व स्तरीय विषय संघों/प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठनों/विश्वविद्यालयों से प्राप्त आमंत्रण को वरीयता दी जाएगी। सम्मेलन के आयोजकों द्वारा स्थापित समकक्षीय समीक्षा प्रक्रिया की प्रकृति को भी ध्यान में रखा जाएगा।
8.3 अपनी यात्रा व्यवस्था जैसे टिकट, वीजा, आवास आदि की व्यवस्था करना आवेदक की जिम्मेदारी होगी।
8.4 दूसरी बार आवेदन पर तीन साल के अंतराल के बाद ही विचार किया जाएगा। हालांकि, एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में केवल दो बार यह सहायता प्राप्त कर सकता है।
8.5 भा.सा.वि.अ.प. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और निर्धारित दिव्यांग व्यक्तियों के संबंध में भारत सरकार के नियमों और निर्देशों का पालन करता है।
8.6 परिषद बिना कोई कारण बताए किसी भी आवेदन को अस्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखती है। यह किसी भी डाक देरी/नुकसान के लिए भी जिम्मेदार नहीं है।
8.7 अधूरे आवेदन और विधिवत अग्रेषित न किए गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
8.8 दिशानिर्देशों की व्याख्या या किसी अन्य विषय से संबंधित अंतिम अधिकार भा.सा.वि.अ.प. में निहित है।
8.9 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुति के लिए आवेदकों द्वारा उनके संपूर्ण दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के बाद ही अनुदान पर विचार किया जाएगा।
यात्रा के पूरा होने पर आवेदक से निम्नलिखित की प्राप्ति वांछित है :
9.1 सम्मेलन/संगोष्ठी में भागीदारी पर एक विस्तृत रिपोर्ट।
9.2 हवाई यात्रा, वीजा, मूल बोर्डिंग पास, भागीदारी प्रमाण पत्र आदि के टिकटों की प्रतियां।