सदस्य सचिव

You are here

प्रो.धनंजय सिंह

Prof. Dhananjay Singh

पता

इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च,
जेएनयू संस्थागत क्षेत्र,
अरुणा असफ अली मार्ग,
नई दिल्ली - 110067
E-mail: ms[at]icssr[dot]org
Telephone: 011-26741833,011-26742059 (O)

प्रो.धनंजय सिंह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सदस्य सचिव हैं। उन्होंने 1995 में शासकीय कॉलेज, ईटानगर, अरुणाचल विश्वविद्यालय से अग्रेज़ी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1997 में अरुणाचल विश्वविद्यालय, ईटानगर से अंग्रेजी में एम.ए. किया। एम.ए. में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से अग्रेज़ी भाषा में अपना एम.फिल. (शोध प्रबंध) और पी.एच.डी. क्रमशः 2003 और 2007 में पूरा किया। उनका शोध साहित्यिक और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में था।

प्रो. सिंह ने अपने शिक्षण करियर की शुरुआत अगस्त-सितंबर वर्ष 2006 में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री अरबिंदो महाविद्यालय से की तथा उसके बाद उन्होंने सितंबर 2006 से दिसंबर 2007 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में पढ़ाया।

उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अग्रेज़ी अध्ययन केंद्र में वर्ष 2007 में सहायक प्रवक्ता के पद पर कार्यभार ग्रहण किया तथा जनवरी वर्ष 2019 से जनवरी वर्ष 2023 तक इस केंद्र के अध्यक्ष के रूप में अपना नेतृत्व प्रदान किया।

उन्होंने मई वर्ष 2021 से 23 जनवरी वर्ष 2023 तक भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान के एसोसिएट डीन के रूप में कार्य किया।

उन्होंने जे.एन.यू. के एसोसिएट डीन ऑफ स्टूडेंट्स (नवंबर वर्ष 2017 से सितंबर वर्ष 2019) और जे.एन.यू. के चीफ प्रॉक्टर (नवंबर वर्ष 2019 से मई 2021) के रूप में भी कार्य किया।

वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय चंद्रभागा छात्रावास के वार्डन के रूप में भी सितंबर वर्ष 2010 से मई वर्ष 2017 तक कार्यरत रहे।

अपने शिक्षण और अनुसंधान करियर के आरंभ में, प्रो. सिंह ने साहित्य अकादमी, नई दिल्ली और यूनियन एकेडमिक इंटरनेशनेल (यूएआई), ब्रुसेल्स के तत्वाधान में ‘भारतीय काव्यशास्त्र का विश्वकोश’ नामक प्रतिष्ठित परियोजना में मुख्य संपादक डॉ. कपिल कपूर के साथ सहायक संपादक के रूप में कार्य किया।

उन्होंने मुख्य संपादक डॉ. कपिल कपूर के साथ ‘म्युचुअल रिगार्ड्स: इंडो-आयरिश एंथोलॉजी’ में सहायक संपादक के रूप भी कार्य किया था, जो कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली और कोलेरेन (आयरलैंड) में उल्स्टर विश्वविद्यालय से जुड़ी एक सम्बद्ध परियोजना थी।

 

प्रो. सिंह ने जे.एन.यू. में एम.ए. और पी.एच.डी. पाठ्यक्रम में शोध पद्धति, संस्कृत काव्यशास्त्र; तुलनात्मक काव्यशास्त्र; अंग्रेज़ी साहित्यिक आलोचना; जीवन, साहित्य और विचार-19वीं सदी; भारतीय सौंदर्यशास्त्र; भारतीय भाषा का दर्शन; भरत मुनि का नाट्यशास्त्र, आनंदवर्धन का ध्वनिलोक; दक्षिण एशियाई कथा साहित्य; कैनेडियन कथा साहित्य; रचनात्मक लेखन; आयरिश नाटक; तथा आयरिश कविता और कथा साहित्य विषयों पर अध्यापन किया । उन्होंने 23 पीएचडी (थीसिस) और 20 एम.फिल (शोध प्रबंध) का पर्यवेक्षण किया है।.

प्रो. सिंह को भारत में और भारत के बाहर के प्रतिष्ठित संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों जैसे कि ट्युबिंगन विश्वविद्यालय, जर्मनी, वुर्जबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी, ग्रेनोबल विश्वविद्यालय, फ्रांस सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में व्याख्यान देने और शोधपत्र प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन के अन्य क्षेत्रों पर उनके कई शोध पत्र पालग्रेव मैकमिलन, स्प्रिंगर नेचर, साहित्य अकादमी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, शिमला जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित किए गए हैं।

प्रो. सिंह भारतीय कथा परंपरा में दंतकथाएं (डी.के. प्रिंटवर्ल्ड, 2011), प्रारंभिक भारत में रंगमंचीय काव्यशास्त्र और फिलॉसफी ऑफ परफॉर्मेंस इन इंडिया (ब्लूम्सबरी) मोनोग्राफ के लेखक भी हैं।

प्रो. सिंह इटली के बर्गमो विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं ; ग्रिनेल कॉलेज, ग्रिनेल, आयोवा, यूएसए में इंटरनेशनल विजिटिंग फेलो; और ट्रिनिटी लॉन्ग रूम हब, ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में विजिटिंग रिसर्च फेलो रहे हैं ।

एक तुलनात्मक ढांचे में सीमस हेनी और बौद्ध ज्ञानमीमांसा पर उनके शोध के लिए, उन्हें मई-जुलाई 2017 में ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में "सामाजिक प्रदर्शन, सांस्कृतिक अभिघात और सुदृढ़ संप्रभुता (स्पेक्ट्रेस) की पुनर्स्थापना" परियोजना के लिए यूरोपीय संघ की मैरी क्यूरी इंटरनेशनल रिसर्च एक्सचेंज स्कीम द्वारा रिसर्च सेकेंडमेंट से सम्मानित किया गया था।

प्रो. सिंह की कविताएं साहित्यिक पत्रिकाओं म्यूज़ इंडिया और साउथ एशियन एन्सेम्बल में प्रकाशित हुई हैं।

वर्तमान में प्रो. सिंह एसोसिएशन ऑफ एशियन सोशल साइंस रिसर्च काउंसिल्स (AASSREC) के अध्यक्ष हैं। उन्होंने यूनेस्को, पेरिस में यूनेस्को (एसएचएस) के सामाजिक और मानव विज्ञान पर बयालीसवें सामान्य सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व किया।

उन्होंने स्लोवेनिया के ब्रडो में स्लोवेनिया सरकार के सहयोग से यूनेस्को द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिकता पर आयोजित वैश्विक मंच में भी भाग लिया।

प्रो. सिंह राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद, नई दिल्ली के निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) के रूप में भी कार्यरत हैं।

List of former Member Secretaries