भा.सा.वि.अ.प. पी.एच.डी. विद्वानों को सामाजिक और मानव विज्ञान में डॉक्टरेट शोध कार्य करने के लिए सहायता एवं प्रोत्साहन देता है। डॉक्टरेट अध्येतावृत्ति (फेलोशिप) प्रदान करने के लिए मौजूदा ज्ञान के भंडार में विशेष योगदान देने की क्षमता रखने वाले नवीन शोध प्रस्तावों पर विचार किया जाता है। भा.सा.वि.अ.प. की प्राथमिकता साक्ष्य-आधारित प्रभावी शोध के माध्यम से बदलती सामाजिक गतिशीलता और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना है, जिससे वैश्विक शक्ति बनने की भारत की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके।
पात्रता
- डॉक्टरेट फेलो को फेलोशिप अवधि के दौरान संबद्ध विश्वविद्यालय/संस्थान में पूर्णकालिक वास्तविक पी.एच.डी. छात्र होना चाहिए।
- डॉक्टरेट फेलोशिप उन भारतीय अनुसंधान विद्वानों को प्रदान की जाएगी, जो यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों/ मानद विश्वविद्यालयों, शिक्षा मंत्रालय / यूजीसी द्वारा परिभाषित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थानों और अनुमोदित पी.एच.डी. कार्यक्रम वाले महाविद्यालयों में पी.एच.डी. के लिए पंजीकृत हैं।
- आवेदन की अंतिम तिथि पर अभ्यर्थी की उम्र 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग-(एनसीएल) के अभ्यर्थियों तथा बेंचमार्क विकलांगता (पीडब्ल्यूडी) वाले व्यक्तियों के लिए उम्र में 5 वर्ष की छूट होगी।
- अभ्यर्थी को किसी भी सामाजिक विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर या समकक्ष ग्रेड में न्यूनतम 55% अंक प्राप्त होने चाहिए। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग-(एनसीएल) के अभ्यर्थियों तथा बेंचमार्क विकलांगता (पीडब्ल्यूडी) वाले व्यक्तियों को अंक में पांच प्रतिशत (5%) छूट दी जाएगी। ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए स्नातकोत्तर के अंकपत्र की स्कैन की गई प्रति जमा करना अनिवार्य है। यदि अभ्यर्थी दस्तावेज अपलोड नहीं करते हैं, तो उनकी उम्मीदवारी को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
अवधि और वित्तीय सहायता
पूर्ण-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप: पूर्ण-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप का मूल्य 20,000 रुपये प्रति माह और आकस्मिक अनुदान 20,000 रुपये प्रति वर्ष है। पूर्ण-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप की कुल अवधि दो वर्ष की होगी। प्रारंभ में पहला अधिनिर्णय पत्र, जारी होने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए होगा।
संस्थागत पूर्ण-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप: फेलोशिप की अवधि और मूल्य, पूर्ण-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप के समान ही होगा।
अल्प-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप: अल्प-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप की अवधि मात्र छह महीने या विश्वविद्यालय/संस्थान में पी.एच.डी. जमा करने की तिथि, जो भी पहले हो, तक है। फेलोशिप का मूल्य पूर्ण-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप अनुदान की छह महीने की फेलोशिप राशि के बराबर होगी एवं छह महीने के लिए आकस्मिक अनुदान भी देय होगा।
आकस्मिक अनुदान: फेलोशिप की सहायता राशि 62500/- रुपये समेकित है।
आवेदन की प्रक्रिया
- भा.सा.वि.अ.प. प्रत्येक वर्ष डॉक्टरेट फेलोशिप के लिए आमंत्रण की घोषणा करता है और प्रत्येक आमंत्रण के साथ आवेदन प्रस्तुत करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश भी प्रकाशित करता है।
- आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होगा तथा परिशिष्टों की स्कैन प्रतियां भा.सा.वि.अ.प. वेबसाइट पर अपलोड करनी होंगी।
- डॉक्टरेट फेलोशिप के चयनित अभ्यर्थियों की योग्यता-क्रम सूची (मेरिट लिस्ट) भा.सा.वि.अ.प. की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाती है।
महत्वपूर्ण बिंदु
प्रस्ताव की स्वीकृति
विद्वान को भा.सा.वि.अ.प. द्वारा अनंतिम अधिनिर्णय पत्र में उल्लिखित निर्धारित समय के भीतर फेलोशिप में शामिल होना होगा।
किस्त का विवरण
पूर्ण-अवधि / संस्थागत डॉक्टरेट फेलोशिप
- फेलोशिप की किस्तें वार्षिक आधार पर जारी की जाएंगी।
- पहली किस्त अनुदान-सहायता-बिल (जीआईबी) और पंजीकरण अधिदेश प्रपत्र के साथ अधिनिर्णय पत्र में उल्लिखित दस्तावेज प्राप्त होने के बाद संबद्ध/प्रशासक संस्थानों के पी.एफ.एम.एस. खाते में जारी की जाएगी, यदि उन्होंने भा.सा.वि.अ.प. अनुदान के लिए अपने खातों को पी.एफ.एम.एस. से नहीं जोड़ा है।
- दूसरे वर्ष की किस्त, परिषद द्वारा दूसरे वर्ष के लिए फेलोशिप की अवधि में विस्तार के अनुमोदन के पश्चात ही जारी की जाएगी, बशर्ते कि प्रथम वर्ष हेतु जारी संपूर्ण फेलोशिप अनुदान के लिए प्रगति रिपोर्ट और व्यय विवरण संतोषजनक हो तथा सहायता अनुदान बिल (जीआईबी) भी प्राप्त हो।
- अंतिम वर्ष की फेलोशिप अनुदान राशि दो किस्तों में जारी की जाएगी।
अल्प-अवधि डॉक्टरेट फेलोशिप
- अल्पावधि फेलोशिप दो किस्तों में जारी की जाएगी। कुल अनुदान की 70% राशि की पहली किस्त संबंधित संबद्ध/प्रशासक संस्था के अनुदान सहायता बिल (जीआईबी) और पी.एफ.एम.एस. खाते के पंजीकरण अधिदेश प्रपत्र के साथ अधिनिर्णय पत्र में निर्धारित दस्तावेजों की प्राप्ति पर जारी की जाएगी। स्वीकार्य अनुदान की दूसरी और अंतिम किस्त विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक/सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी थीसिस प्रस्तुत करने का प्रमाणपत्र, पी.एच.डी. थीसिस की सॉफ्ट कॉपी, 3000 से 4000 शब्दों में सारांश और संबद्ध संस्था के सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित स्वीकार्य राशि के लिए उपयोगिता प्रमाणपत्र (जीएफआर-12ए फॉर्म में) के साथ परीक्षित लेखा-विवरण प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी।
आकस्मिक अनुदान
- आकस्मिक अनुदान राशि दो किस्तों में जारी की जाएगी। संबंधित संबद्ध/प्रशासक संस्था के अनुदान सहायता बिल (जीआईबी) और पी.एफ.एम.एस. खाते के पंजीकरण अधिदेश प्रपत्र के साथ अधिनिर्णय पत्र में निर्धारित दस्तावेज की प्राप्ति पर 40,000/- रुपये की पहली किस्त जारी की जाएगी। स्वीकार्य अनुदान की दूसरी और अंतिम किस्त विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक/सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी थीसिस प्रस्तुत करने का प्रमाणपत्र, 3000 से 4000 शब्दों में सारांश और संबद्ध संस्था के सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित स्वीकार्य राशि के लिए उपयोग प्रमाणपत्र (जीएफआर-12ए फॉर्म में) के साथ परीक्षित लेखा-विवरण प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी।
कार्य प्रगति की निगरानी
विद्वान द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत तथा पर्यवेक्षक द्वारा विधिवत अग्रेषित छमाही एवं वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के आधार पर फेलोशिप की नियमित निगरानी की जाती है।
शोध परिणाम
पी.एच.डी. के दौरान, शोधार्थियों को अपने शोध के विषय से संबंधित विशेषज्ञता-प्राप्त पत्रिकाओं में कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित करने होंगे तथा उसकी एक प्रति भा.सा.वि.अ.प. को प्रस्तुत करनी होगी।
स्वीकृति के उपरांत अनुरोध
- यदि कोई विद्वान पी.एच.डी. से अपना पंजीकरण रद्द करवाता है और कुछ समय बाद थीसिस जमा करने के लिए पुन: पंजीकरण करता है तो अवधि नहीं बढ़ायी जाएगी। पंजीकरण रद्द करने की तिथि ही फेलोशिप की समाप्ति की तिथि होगी।
- फेलोशिप की अवधि के दौरान फेलो किसी भी अन्य स्रोत से कोई नियुक्ति (वेतन या अन्यथा) स्वीकार या ग्रहण नहीं करेगा और न ही कोई परिलब्धियाँ, वेतन, वजीफा आदि प्राप्त करेगा। तथापि, फेलो प्रति सप्ताह छह घंटे तक का शिक्षण कार्य कर सकता है।
- फेलोशिप की अवधि के दौरान, यात्रा भत्ता, उपस्थिति, अवकाश/छुट्टी और आकस्मिक अनुदान आदि सहित सभी मामलों में फेलो पर संबद्ध/प्रशासक संस्थान के नियम लागू होंगे।