कार्यक्रम के उद्देश्य:
- सामाजिक वैज्ञानिकों को उनकी पसंद के महत्वपूर्ण विषयों पर पूर्णकालिक अनुसंधान में संलग्न करना या उनके शोध के बारे में पुस्तकें लिखने के अवसर प्रदान करना।
- उन युवा विद्वानों की सहायता करना जिनमें अनुसंधान की क्षमता और योग्यता है, जिससे वे अपने अनुमोदित अनुसंधान विषयों पर पूर्णकालिक कार्य कर सकें।
- डॉक्टरेट छात्रों को उनके शोध कार्य को आगे बढ़ाने और पूरा करने में सहायता करना।
इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, विभिन्न स्तरों पर विद्वानों को चार श्रेणियों की फेलोशिप प्रदान की जाती है: राष्ट्रीय फेलोशिप, वरिष्ठ फेलोशिप, पोस्ट-डॉक्टरेट फेलोशिप और डॉक्टरेट फेलोशिप।
राष्ट्रीय फेलोशिप
राष्ट्रीय फेलोशिप उन प्रतिष्ठित सेवानिवृत्त सामाजिक वैज्ञानिकों को प्रदान की जाती है जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान में उत्कृष्ट योगदान दिया है ताकि वे अपना शैक्षणिक कार्य और अनुसंधान जारी रख सकें।
वरिष्ठ फेलोशिप
वरिष्ठ फेलोशिप 45-70 वर्ष की उम्र के बीच के सामाजिक वैज्ञानिकों को प्रदान की जाती है, जिन्होंने पीएचडी की है और उनके पास व्यावसायिक पत्रिकाओं में गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य, प्रकाशन और शोधपत्र हैं। इसके अतिरिक्त, उनके शैक्षणिक रूचि रखने वाले सेवकों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर भी विचार किया जाता है।
पोस्ट-डॉक्टरेट फेलोशिप
पोस्ट-डॉक्टरेट फेलोशिप 45 वर्ष से कम उम्र के उन विद्वानों को प्रदान की जाती है जिन्होंने शोध कार्य में उल्लेखनीय क्षमता प्रदर्शित की हो, आवेदन के समय उनकी पीएचडी पूरी हो गई हो तथा वरिष्ठ सामाजिक वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में उत्कृष्ट संस्थानों में अनुमोदित शोध विषयों पर काम करने के इच्छुक हों।
डॉक्टरेट फेलोशिप
डॉक्टरेट फेलोशिप डॉक्टरेट छात्रों के लिए उपलब्ध है, अधिमानतः 40 वर्ष से कम उम्र के, जिनके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से प्रथम या द्वितीय श्रेणी के साथ मास्टर डिग्री हो और जो सामाजिक विज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री के लिए पंजीकृत हों।
भा.सा.वि.अ.प. अपनी विभिन्न फेलोशिप योजनाओं के तहत वर्ष में एक बार, अप्रैल-जून माह के दौरान, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करता है। आवेदनों के लिए आमंत्रण भा.सा.वि.अ.प. की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है और जानकारी इसके सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रसारित की जाती है।