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राष्ट्रीय फेलोशिप प्रख्यात भारतीय सामाजिक वैज्ञानिकों को उनके विद्वत्तापूर्ण योगदान के लिए तथा पूर्णकालिक अनुसंधान में संलग्न होने के अवसर उपलब्‍ध कराने हेतु प्रदान की जाती है, जिनमें सामाजिक विज्ञान में ज्ञान के उन्नयन में योगदान करने की क्षमता होती है।

पात्रता

  • प्रसिद्ध सेवानिवृत्त भारतीय सामाजिक वैज्ञानिक, जिन्होंने पहले भा.सा.वि.अ.प. राष्ट्रीय फेलोशिप का लाभ नहीं उठाया है, नीचे वर्णित अनुसार नामांकन के पात्र हैं।
  • नामांकित व्यक्तियों के पास उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य तथा पर्याप्त मात्रा में उच्च गुणवत्तापूर्ण शोध प्रकाशन होने चाहिए।
  • किसी भी सामाजिक विज्ञान विषय में कम से कम 25 वर्ष की नियमित सेवा और पुस्तकों/शोध पत्रों/रिपोर्टों के प्रकाशन के माध्यम से प्रमाणित शोध अनुभव वाले वरिष्ठ सरकारी और रक्षा अधिकारियों को भी नामांकित किया जा सकता है।
  • फेलो को भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थान/क्षेत्रीय केंद्र, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित/सरकारी अनुसंधान संस्थान/सार्वजनिक वित्त पोषित विश्वविद्यालय जिसमें उसकी पसंद का मानद विश्वविद्यालय भी शामिल है, से संबद्ध होना चाहिए। निधियों का वितरण संबद्ध/प्रशासन-संस्थान के माध्यम से किया जाता है।

अवधि और वित्‍तीय सहायता

  • फेलोशिप की अवधि दो वर्ष की होगी तथा इसे आगे बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाएगा।
  • फेलोशिप की अवधि केवल दो वर्ष की है।
  • फेलोशिप के लिए वित्‍तीय सहायता 60,000 रुपये प्रति माह है और पेंशन लाभ पर विचार किए बिना आकस्मिक अनुदान 60,000 रुपये प्रति वर्ष है।

नामांकन प्रक्रिया

  • भा.सा.वि.अ.प. द्वारा सार्वजनिक वित्तपोषित केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के नियमित कुलपतियों, भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थानों/क्षेत्रीय केंद्रों के निदेशकों, भा.सा.वि.अ.प. के वर्तमान और पूर्व परिषद सदस्यों और राष्ट्रीय अध्येताओं से नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं।
  • नामांकन करने वाले व्यक्तियों को एक आमंत्रण के लिए दो से अधिक नामांकन नहीं भेजने चाहिए। सभी नामांकनों के साथ विद्वान का बायोडाटा, 10 सर्वश्रेष्ठ प्रकाशनों के सारांश और 1000 शब्दों का शोध प्रस्ताव होना चाहिए। प्रभारी, आरएफएस प्रभाग, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली 110067 को आमंत्रण में दी गई अंतिम तिथि से पहले नामांकन भेजा जाना चाहिए।
  • राष्ट्रीय फेलोशिप के लिए प्रत्‍यक्ष आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

महत्वपूर्ण बिंदु

प्रस्ताव की स्वीकृति

विद्वान को अधिनिर्णय पत्र (अवार्ड लेटर) की तारीख से तीन महीने के भीतर संबद्ध संस्थान के माध्यम से सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्‍तुत करके फेलोशिप में शामिल होना होगा। इसे भा.सा.वि.अ.प. द्वारा अपवादात्‍मक परिस्थितियों में आगे बढ़ाया जा सकता है।

किस्त का विवरण

  • प्रथम वर्ष की फेलोशिप और आकस्मिक-निधि दो समान किस्तों में जारी की जाएगी। पहली किस्त अनुदान-सहायता-बिल (जीआईबी) प्राप्त होने के पश्‍चात और दूसरी किस्त व्यय विवरण के साथ छमाही प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी।
  • दूसरे वर्ष की फेलोशिप और आकस्मिक अनुदान तीन किस्तों में जारी की जाएगी। फेलोशिप की छह महीने की पहली किस्त अनुदान सहायता बिल (जीआईबी) प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। फेलोशिप की 03 महीने की दूसरी किस्त खाते के विवरण के साथ निर्धारित प्रारूप में अगले छह महीनों की संतोषजनक प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। आकस्मिक-निधि के साथ फेलोशिप की शेष अवधि की अंतिम किस्त, अंतिम रिपोर्ट प्राप्त करने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा इसकी स्वीकृति और संबद्ध संस्थान के सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फेलोशिप की पूर्ण स्वीकृत राशि के जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का विवरण प्राप्त करने के बाद जारी की जाएगी। तथापि, गैर-सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थान के मामले में, फेलोशिप की अंतिम किस्त जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का लेखा-परीक्षित विवरण प्राप्त होने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद जारी की जाएगी।
  • सार्वजनिक वित्तपोषित संबद्धता संस्थान को 7.5% उपरिव्‍यय प्रभार भा.सा.वि.अ.प. द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही जारी किया जाएगा।

शोध परिणाम

  • फेलोशिप के दौरान, फेलो को अपने शोध के विषय से संबंधित विशेषज्ञता-प्राप्‍त पत्रिकाओं में कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित करने होंगे।
  • अंतिम रिपोर्ट की पांडुलिपि (मेनुस्क्रिप्‍ट) का कॉपीराइट भा.सा.वि.अ.प. के पास रहेगा। भा.सा.वि.अ.प. अपने द्वारा वित्तपोषित फेलोशिप रिपोर्ट को प्रकाशित करने के सभी अधिकार सुरक्षित रखता है, बशर्ते कि कार्य को विशेषज्ञ/विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशन हेतु अनुशंसित किया गया हो। भा.सा.वि.अ.प. से अनुमति प्राप्‍त होने के बाद ही विद्वान इसे स्वयं प्रकाशित करवा सकते हैं।
  • फेलोशिप के शोध परिणाम से तैयार सभी प्रकाशनों में विद्वान को भा.सा.वि.अ.प. के सहयोग के लिए अभिस्‍वीकृति ज्ञापित करना होगा।

अन्य नियम और शर्तें

  • फेलोशिप की अवधि के दौरान, फेलो को टीए/डीए, अवकाश/छुट्टी और आकस्मिक अनुदान आदि सहित सभी मामलों में संबद्ध संस्थान के नियमों द्वारा शासित किया जाएगा। हालांकि, फेलोशिप की अवधि और राशि चौबीस महीने से अधिक नहीं होगी।
  • भा.सा.वि.अ.प. से कोई भी फेलोशिप स्वीकार करते समय, किसी फेलो को किसी अन्य संस्थान से कोई अन्य फेलोशिप या शोध परियोजना या नियमित कार्य स्वीकार नहीं करना चाहिए।
  • विद्वान पर अपने कैरियर/शोध कैरियर में किसी भी अनुशासनात्मक/कानूनी कार्रवाई/कार्यवाही/वित्तीय दंड का मामला नहीं होना चाहिए।