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सामाजिक विज्ञान विषयों को प्रोत्‍साहन देने के लिए भारत में सेमिनार/सम्मेलन प्रायोजित करना भा.सा.वि.अ.प. की एक प्रमुख रणनीति है। वे शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को विचारों और सम्‍मति का आदान-प्रदान करने, नीतिगत सुसंगत मामलों पर शोध प्रश्नों को संबोधित करने और वाद-विवाद करने और महत्वपूर्ण सामाजिक समस्याओं पर अकादमिक शोध परिणाम उत्पन्न करने के अवसर प्रदान करते हैं। जबकि परिषद स्वयं कुछ सेमिनार आयोजित करती है, इसका अधिकांश समर्थन प्रकृति में अनुक्रियात्‍मक है जहाँ सभी सामाजिक विज्ञान विषयों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को आंशिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

श्रेणियाँ

सेमिनार के प्रस्ताव निम्नलिखित तीन श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं:

राष्ट्रीय सेमिनार : प्रस्तावों को व्यापक, अंतःविषयक और राष्ट्रीय स्तर की सहभागिता को आमंत्रित करने वाले महत्वपूर्ण सामाजिक विज्ञान सरोकारों के विषयों पर सुविचारित रूप से तैयार किया जाना चाहिए। ऐसे सेमिनारों में भारत के विद्वानों की सहभागिता होनी चाहिए। महत्वपूर्ण नीतिगत निहितार्थों सहित वर्तमान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: प्रस्ताव पूर्ण रूप से योजनाबद्ध होना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ शोध प्राथमिकताओं और मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की आवश्यकता को समायोजित करना चाहिए। इसमें संसाधन व्यक्तियों और/या शोधपत्र योगदानकर्ताओं के रूप में पर्याप्‍त संख्या में विदेशी विद्वानों की सहभागिता की पुष्टि होनी चाहिए।

सहयोगात्मक सेमिनार: भा.सा.वि.अ.प., सामाजिक विज्ञान अनुसंधान उन्‍मुख सरकारी विभागों या प्रतिष्ठित अनुसंधान संगठनों के साथ नीति-विषयक/सामाजिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों पर संयुक्त सेमिनारों के लिए प्रस्ताव या सक्रिय रूप से संयुक्‍त सहयोग संबंधी प्रस्‍ताव पर विचार करता है।

पात्रता

  • आयोजक संस्थान, जिसे अनुदान जारी किया जाएगा, वह भा.सा.वि.अ.प. क्षेत्रीय केंद्र, भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थान, भा.सा.वि.अ.प. मान्यता प्राप्त संस्थान, शिक्षा मंत्रालय (एमओई) द्वारा परिभाषित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, यूजीसी की धारा (2) एफ/ 12(बी) आदि के तहत मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालय/ मानद विश्वविद्यालय/ संस्थान/ महाविद्यालय होना चाहिए। अथवा ऐसे सामाजिक विज्ञान संघ जो- (क) उचित पंजीकरण, (ख) पिछले तीन वर्षों के खातों का लेखा-परीक्षित विवरण और (ग) कम से कम 100 की आजीवन सदस्यता जैसी शर्तों को पूरा करते हैं।
  • सेमिनार/ सम्मेलन के संयोजक/ सह-संयोजक के रूप में पीएचडी डिग्री वाले नियमित संकाय सदस्य आवेदन कर सकते हैं। पीएचडी /पीडीएफ विद्वान संयोजक/सह-संयोजक के रूप में आवेदन करने के पात्र नहीं हैं। तथापि, उन्हें आयोजन समिति का हिस्सा बनने की अनुमति दी जा सकती है।
  • ऐसा आवेदक जिसे राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने के लिए पहले अनुदान दिया गया हो, वह दो वित्तीय वर्षों के अंतराल के बाद ही आवेदन कर सकता है।

अवधि और वित्‍तीय सहायता

  • राष्ट्रीय सेमिनार: अधिकतम 5 लाख रुपये तक।
  • अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: 10 लाख रुपये तक।
  • सहयोगात्मक सेमिनार: 5 से 10 लाख रुपये तक।

 

आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदन पूरे वर्ष ऑनलाइन प्राप्त किए जाते हैं।
  • हमारी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किए जाने चाहिए।
  • सेमिनार/सम्मेलन की नियत तिथि से कम से कम तीन (3) महीने पहले आवेदन प्रस्तुत किए जाने चाहिए।
  • ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद, उसकी मुद्रित प्रति (हार्ड कॉपी) सभी संलग्नकों सहित इस पते पर भेजी जानी चाहिए: प्रभारी, एनआईएस प्रभाग, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, अरुणा आसफ अली मार्ग, नई दिल्ली 110067

 

महत्वपूर्ण बिंदु

किस्त का विवरण

यह अनुदान दो किस्तों में जारी किया जाएगा। 75 प्रतिशत की पहली किस्त प्रस्ताव के स्वीकृत होने और अनुदान सहायता बिल प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी। 25 प्रतिशत की दूसरी और अंतिम किस्त सेमिनार/ सम्मेलन की कार्यवाही (2 मुद्रित सजिल्‍द प्रतियां) के साथ लेखा-परीक्षित लेखा विवरण और जीएफआर 12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर जारी की जाएगी।

निगरानी

भा.सा.वि.अ.प. सेमिनार/ सम्मेलन की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक अधिकारी/ पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर सकता है।

शोध परिणाम

आयोजक को स्पष्ट रूप से यह अभिरुचि व्‍यक्‍त करनी चाहिए कि वे भा.सा.वि.अ.प. की उचित पावती के साथ पत्रिकाओं में पुस्तक/संपादित आलेखों के रूप में सेमिनार/सम्मेलन की कार्यवाही प्रकाशित करना चाहते हैं।

स्वीकृति के उपरांत अनुरोध

जो सेमिनार/सम्मेलन समन्वयक कार्यवाही सहित उचित प्रारूप में लेखा विवरण और उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करेंगे, उन्हें अनुदान के लिए आवेदन करने से वंचित कर दिया जाएगा।

 

स्पेशल कॉल फॉर सेमिनार