परिषद
'परिषद'-भा.सा.वि.अ.प. की शासी परिषद और सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। इसमें छब्बीस सदस्य हैं जिनमें अध्यक्ष और सदस्य-सचिव भी शामिल हैं। अध्यक्ष सहित अठारह सामाजिक वैज्ञानिकों को भारत सरकार द्वारा नामित किया जाता है। इसके अलावा, भारत सरकार के छह प्रतिनिधि हैं जिनमें शिक्षा विभाग, समाज कल्याण मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के एक-एक प्रतिनिधि शामिल हैं। अध्यक्ष और सदस्य सचिव का कार्यकाल सामान्यत: 3 वर्ष का होता है। उसी प्रकार अन्य सभी नामित सदस्यों का कार्यकाल भी सामान्यत: 3 वर्ष का ही होता है।
संगम ज्ञापन (एम.ओ.ए.) के अनुसार, परिषद की बैठक ऐसे समय पर आयोजित की जानी चाहिए जो अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की जाए तथा वे जब भी उचित समझें सामान्य बैठक बुला सकते हैं। तथापि, परिषद को प्रत्येक वर्ष सामान्यत: कम से कम दो सामान्य बैठकों का आयोजन करना चाहिए। परिषद के दस सदस्यों से परिषद की प्रत्येक बैठक में कोरम (गणपूर्ति) होगी। (अधिक जानकारी के लिए, कृपया संगम ज्ञापनदेखें.
भा.सा.वि.अ.प. की महत्वपूर्ण समितियाँ हैं : योजना एवं प्रशासन समिति (पीएसी), अनुसंधान समिति (आरसी) और अनुसंधान संस्थान समिति (आरआईसी)।
योजना एवं प्रशासन समिति (पीएसी)
एम.ओ.ए. में निहित नियमों में समिति के गठन का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि एक योजना एवं प्रशासन समिति होगी जो परिषद के नियमों, विनियमों और आदेशों के अधीन परिषद की नीतियों, योजनाओं, प्रशासन और वित्तीय मामलों की देखरेख करेगी।
पीएसी में अध्यक्ष, सदस्य-सचिव और कम से कम पांच या अधिकतम नौ सदस्य होते हैं जिन्हें वार्षिक सामान्य बैठक में परिषद द्वारा नियुक्त किया जाता है। समिति का कार्यकाल वार्षिक सामान्य बैठक (एजीएम) की तिथि से एक वर्ष का होता है। तथापि, एक बार गठित समिति तब तक पद पर बनी रहेगी, जब तक कि दूसरी पीएसी का गठन नहीं हो जाता।
स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, भारत सरकार के शिक्षा और वित्त विभाग के प्रतिनिधियों को सदैव पीएसी में नियुक्त किया जाता है। समिति की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष द्वारा की जाएगी तथा उनकी अनुपस्थिति में बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा चुने गए सदस्य द्वारा की जाएगी। समिति वर्ष में कम से कम तीन बार अध्यक्ष द्वारा निर्धारित समय पर बैठक करेगी। न्यूनतम पांच सदस्यों से कोरम (गणपूर्ति) पूरी होगी।
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अनुसंधान समिति (आरसी)
परिषद की अनुसंधान समिति (आरसी) परिषद के नियमों, विनियमों और आदेशों के अधीन, वित्तीय सहायता के लिए परिषद को प्रस्तुत या परिषद द्वारा प्रायोजित अनुसंधान परियोजनाओं और अन्य अनुसंधान प्रस्तावों को सहायता अनुदान की मंजूरी की जांच करेगी।
समिति में अध्यक्ष, सदस्य-सचिव और न्यूनम पांच या अधिकतम बारह सदस्य होते हैं, जिन्हें वार्षिक सामान्य बैठक में परिषद द्वारा नियुक्त किया जाता है (अधिकतम तीन ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो परिषद के सदस्य नहीं हैं)। अनुसंधान समिति का कार्यकाल वार्षिक सामान्य बैठक की तिथि, जिस दिन इसका गठन किया गया है, से एक वर्ष के लिए होगा। तथापि, एक बार गठित अनुसंधान समिति तब तक पद पर बनी रहेगी, जब तक कि दूसरी अनुसंधान समिति का गठन नहीं हो जाता। समिति की बैठक वर्ष में कम से कम तीन बार होगी। कोरम (गणपूर्ति) के लिए न्यूनतम पांच सदस्य अपेक्षित होंगे।
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अनुसंधान संस्थान समिति (आरआईसी)
एम.ओ.ए. में निहित नियमों में समिति के गठन का प्रावधान है। अनुसंधान संस्थान समिति अपनी सहायता अनुदान योजना के तहत भा.सा.वि.अ.प. द्वारा वित्तपोषित देश भर के 24 अनुसंधान संस्थानों के साथ संपर्क स्थापित करती है और इन संस्थानों के संबंध में नीति, नियम और प्रक्रियाएं तैयार करती है। अनुसंधान संस्थान समिति में अध्यक्ष, कम से कम तीन और अधिक से अधिक पांच सदस्य होंगे, जिन्हें परिषद द्वारा वार्षिक सामान्य बैठक में अपने सदस्य से नियुक्त किया जाएगा, जिसमें शिक्षा मंत्रालय के अपर सचिव और वित्तीय सलाहकार/संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार या उनके द्वारा नामित व्यक्ति, परिषद से अनुरक्षण अनुदान प्राप्त करने वाले अनुसंधान संस्थानों के कम से कम तीन और अधिक से अधिक पांच प्रमुख शामिल होंगे, जिन्हें वार्षिक सामान्य बैठक में परिषद द्वारा रोटेशन (बारी-बारी) से नामित किया जाएगा; और साथ ही भा.सा.वि.अ.प. के सदस्य सचिव भी शामिल होंगे।
समिति का कार्यकाल वार्षिक सामान्य बैठक की तिथि, जिस दिन इसका गठन किया गया है, से एक वर्ष के लिए होगा। तथापि, एक बार गठित समिति तब तक पद पर बनी रहेगी, जब तक कि दूसरी पीएसी का गठन नहीं हो जाता। समिति की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष द्वारा की जाएगी तथा उनकी अनुपस्थिति में बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा चुने गए सदस्य द्वारा की जाएगी। अनुसंधान संस्थान समिति की किसी भी बैठक में समिति के सदस्यों की आधी संख्या से कोरम (गणपूर्ति) की पूर्ति होगी। अनुसंधान संस्थान समिति की बैठक वार्षिक रूप से न्यूनतम दो बार एवं अध्यक्ष द्वारा यथा-निर्धारित समय पर आयोजित होगी।
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टिप्पणी: विस्तृत जानकारी के लिए एमओए देखें