क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना भा.सा.वि.अ.प. के प्रशासन को विकेंद्रीकृत करने और क्षेत्रों में सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को व्यापक आधार प्रदान करने के कार्यक्रम के एक भाग के रूप में की गई है। उनकी मुख्य भूमिकाएँ इस प्रकार परिभाषित की गई हैं:
- भा.सा.वि.अ.प. का प्रतिनिधित्व करना तथा क्षेत्र में इनके कार्यक्रमों का संचालन करना। क्षेत्र के सामाजिक वैज्ञानिकों के विचारों और समस्याओं को संभव कार्रवाई हेतु भा.सा.वि.अ.प. के संज्ञान में लाना।
- क्षेत्र के सामाजिक वैज्ञानिकों और सामाजिक वैज्ञानिकों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच संयुक्त रूप से कार्य करना।

भा.सा.वि.अ.प. के छह क्षेत्रीय केंद्र हैं। उनका स्थान और क्षेत्र निम्नवत है:
- पूर्वी क्षेत्रीय केंद्र, कोलकाता के अंतर्गत बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और झारखंड तथा केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं।
- पूर्वोत्तर क्षेत्रीय केंद्र, शिलांग के अंतर्गत अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम आते हैं।
- उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र, चंडीगढ़ के अंतर्गत हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख आते हैं।
- उत्तरी क्षेत्रीय केंद्र, नई दिल्ली के अंतर्गत दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड आते हैं।
- दक्षिणी क्षेत्रीय केंद्र, हैदराबाद के अंतर्गत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और पांडिचेरी आते हैं।
- पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र, मुंबई, के अंतर्गत गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली आते हैं।
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क्षेत्रीय केन्द्र के द्वारा निम्नलिखित गतिविधियां चलाई जा रही हैं:
- क्षेत्रीय भाषा में प्रलेखन एवं संदर्भ-ग्रंथ सूचियों के निर्माण को प्रोत्साहित करना।
- संबंधित क्षेत्र में संगोष्ठी/ सम्मेलन/ कार्यशालाओं का आयोजन करना।
- विशिष्ट विद्वानों के व्याख्यानों का आयोजन करना।
- क्षेत्रीय भाषाओं में सामाजिक वैज्ञानिकों और सामाजिक विज्ञान पत्रिकाओं के क्षेत्रीय व्यावसायिक संघों की सहायता करना।
- पुस्तकालय या क्षेत्र-कार्य के लिए आने वाले विद्वानों/छात्रों को (जहां भी संभव हो) कम लागत वाली आवास सुविधा उपलब्ध कराना
- पुस्तकालयों और संस्थानों का दौरा करने हेतु विद्वानों को अध्ययन अनुदान प्रदान करना।
- विद्वानों को फोटोकॉपी की सुविधा प्रदान करना, विशेष रूप से पत्रिकाओं आदि से चयनित लेखों की फोटोकॉपी उपलब्ध कराना।
- क्षेत्रीय केंद्रों ने भा.सा.वि.अ.प. और राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गई निधियों से पिछले कुछ वर्षों में आधारभूत संरचना और अनुसंधान सहायता सुविधाओं का विकास किया है। इनमें छात्रावास/अतिथि गृह सुविधाएं, अतिरिक्त पुस्तकालय स्थान, सम्मेलन कक्ष, सेमिनार कक्ष और प्रतिलिपिकरण सुविधाएं शामिल हैं।
- कोई अन्य गतिविधि जिससे क्षेत्र में सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को बढ़ावा मिले और/या कोई जिसे भा.सा.वि.अ.प. द्वारा सौंपी गई हो।