पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप युवा और मध्य-कैरियर वाले भारतीय सामाजिक विज्ञान शोधकर्ताओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने अपनी पीएचडी पूरी कर ली है और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी गुणवत्ता वाले शोध करने की क्षमता रखते हैं। भा.सा.वि.अ.प. साक्ष्य-आधारित अत्याधुनिक शोध को बढ़ावा देता है और उनका समर्थन करता है जिसमें भा.सा.वि.अ.प. द्वारा पहचाने गए विषयों और उप-विषयों की खोज करके विकास की चुनौतियों का समाधान प्रदान करने की क्षमता है।
पात्रता
- शोधकर्ता भारतीय नागरिक होना चाहिए तथा आवेदन की अंतिम तिथि तक उम्र 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/बेंचमार्क विकलांगता वाले अभ्यर्थियों के लिए उम्र में 5 वर्ष की छूट होगी।
- आवेदन करते समय विद्वान के पास पी.एच.डी. की डिग्री होनी चाहिए तथा उनकी शोध करने की योग्यता उनके प्रकाशनों में प्रदर्शित होनी चाहिए।
- शोधकर्ता को सार्वजनिक वित्तपोषित भारतीय विश्वविद्यालय/मानद विश्वविद्यालय/महाविद्यालय, भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान जो कि एम.ओ.ई./सरकारी शोध संस्थानों द्वारा अनुमोदित हों, से संबद्ध होना चाहिए, जिसके पास पीएचडी कार्यक्रम अनुमोदित हो। चयनित फेलो को संबद्ध संस्थान के माध्यम से निधि वितरित की जाएगी।
- चयनित फेलो को वरिष्ठ सामाजिक वैज्ञानिक (सिद्ध शोध-पर्यवेक्षण अनुभव और प्रकाशनों के साथ एसोसिएट प्रोफेसर के स्तर से नीचे नहीं) के मार्गदर्शन में कार्य करना होगा। पर्यवेक्षक संबद्ध संस्थान में कार्यरत संकाय होना चाहिए। पर्यवेक्षक का चयन भा.सा.वि.अ.प. के अनुमोदन के अधीन है।
- भा.सा.वि.अ.प. की किसी भी पिछली फेलोशिप/प्रोजेक्ट/अनुदान के चूककर्ता विचार के लिए पात्र नहीं होंगे।
- एक फेलो, एक ही फेलोशिप के लिए एक से अधिक बार पात्र नहीं है।
अवधि और वित्तीय सहायता
- पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप एक पूर्णकालिक शोध कार्य है।
- फेलोशिप की अवधि दो वर्ष की होगी और इसे आगे बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाएगा।
- फेलोशिप की सहायता-राशि 31,000/- रुपये प्रति माह और आकस्मिक अनुदान राशि 20,000/- रुपये प्रति वर्ष है और यह समय-समय पर शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप होगा।
आवेदन प्रक्रिया
- भा.सा.वि.अ.प. की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुले विज्ञापन के माध्यम से आवेदन-पत्र आमंत्रित किए जाएंगे।
- फेलोशिप प्रदान करने की प्रक्रिया में कई चरणों में विषय-विशेषज्ञों के पैनल द्वारा आवेदनों का मूल्यांकन और पारस्परिक संवाद/आवेदन की प्रस्तुति शामिल होगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
प्रस्ताव की स्वीकृति
- विद्वान को संबद्ध संस्था के माध्यम से सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करके अधिनिर्णय पत्र में दिए गए समय के भीतर फेलोशिप में शामिल होना होगा। इसे भा.सा.वि.अ.प. द्वारा अपवादात्मक परिस्थितियों में आगे बढ़ाया जा सकता है।
- फेलोशिप शुरू में एक वर्ष की अवधि के लिए स्वीकृत की जाएगी जो विद्वान के फेलोशिप में शामिल होने की तारीख से प्रभावी होगी। अगले वर्ष के लिए फेलोशिप का नवीनीकरण संतोषजनक वार्षिक प्रगति रिपोर्ट और पहले वर्ष के लिए जारी फेलोशिप के खाते के विवरण की प्राप्ति के होने पर किया जाएगा।
किस्त का विवरण
- प्रथम वर्ष की फेलोशिप और आकस्मिक-निधि दो बराबर किस्तों में जारी की जाएगी। पहली किस्त अनुदान सहायता बिल (जीआईबी) प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी और दूसरी किस्त संबद्ध संस्थान द्वारा जारी किए जाने वाले लेखा विवरण के साथ निर्धारित प्रारूप में संतोषजनक छमाही प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद जारी की जाएगी।
- दूसरे वर्ष की फेलोशिप और आकस्मिक अनुदान राशि तीन किस्तों में जारी की जाएगी। फेलोशिप की छह महीने की पहली किस्त अनुदान सहायता बिल (जीआईबी) प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। फेलोशिप की 03 महीने की दूसरी किस्त खाते के विवरण के साथ निर्धारित प्रारूप में अगले छह महीनों की संतोषजनक प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। आकस्मिक-निधि के साथ फेलोशिप की शेष अवधि की अंतिम किस्त अंतिम रिपोर्ट प्राप्त करने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा इसकी स्वीकृति और संबद्ध संस्थान के सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फेलोशिप की पूर्ण स्वीकृत राशि के जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का विवरण प्राप्त करने के बाद जारी की जाएगी। तथापि, गैर-सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थान के मामले में, फेलोशिप की अंतिम किस्त जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का लेखा-परीक्षित विवरण प्राप्त होने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद जारी की जाएगी।
- सार्वजनिक वित्तपोषित संबद्धता संस्थान को 7.5% उपरिव्यय प्रभार जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का लेखापरीक्षित विवरण प्रस्तुत करने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही जारी किया जाएगा।
प्रगति की निगरानी
- फेलोशिप की नियमित निगरानी, विद्वान द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत की गई अर्धवार्षिक और वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के आधार पर, की जाती है। प्रगति रिपोर्ट में देरी होने की स्थिति में, विद्वान से देरी का औचित्य बताने के लिए कहा जा सकता है जिस पर अंतिम निर्णय भा.सा.वि.अ.प. द्वारा लिया जाएगा। विद्वान से भा.सा.वि.अ.प. को अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तिथि निर्दिष्ट करने वाला घोषणा प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है।
- यदि शोध प्रगति असंतोषजनक पाई जाती है या भा.सा.वि.अ.प. के किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो फेलोशिप को समाप्त किया जा सकता है और फेलो को फेलोशिप की समाप्ति की तिथि तक भा.सा.वि.अ.प. द्वारा वितरित की गई कुल फेलोशिप की प्रतिपूर्ति करनी होगी।
- भा.सा.वि.अ.प. द्वारा शोध कार्य की वार्षिक प्रस्तुति/मध्यावधि मूल्यांकन के लिए कहा जा सकता है।
शोध परिणाम
- फेलोशिप के दौरान, फेलो को अपने शोध के विषय से संबंधित विशेषज्ञता-प्राप्त पत्रिकाओं में कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित करने होंगे।
- अंतिम रिपोर्ट की पांडुलिपि (मेनुस्क्रिप्ट) का कॉपीराइट भा.सा.वि.अ.प. के पास रहेगा। भा.सा.वि.अ.प. अपने द्वारा वित्तपोषित फेलोशिप रिपोर्ट को प्रकाशित करने के सभी अधिकार सुरक्षित रखता है, बशर्ते कि कार्य को विशेषज्ञ/विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशन हेतु अनुशंसित किया गया हो। भा.सा.वि.अ.प. से अनुमति प्राप्त होने के बाद ही विद्वान इसे स्वयं प्रकाशित करवा सकते हैं।
- फेलोशिप के शोध परिणाम से तैयार सभी प्रकाशनों में विद्वान को भा.सा.वि.अ.प. के सहयोग के लिए अभिस्वीकृति ज्ञापित करना होगा।
अन्य नियम व शर्तें
- फेलोशिप की अवधि के दौरान, फेलो को टीए/डीए, अवकाश/छुट्टी और आकस्मिक अनुदान राशि आदि सहित सभी मामलों में संबद्ध संस्थान के नियमों द्वारा शासित किया जाएगा। हालांकि, फेलोशिप की अवधि और राशि चौबीस महीने से अधिक नहीं होगी।
- भा.सा.वि.अ.प. से कोई भी फेलोशिप स्वीकार करते समय, किसी फेलो को किसी अन्य संस्थान से कोई अन्य फेलोशिप या शोध परियोजना या नियमित कार्य स्वीकार नहीं करना चाहिए।
- विद्वान पर उनके कैरियर/शोध कैरियर में किसी भी अनुशासनात्मक/कानूनी कार्रवाई/कार्यवाही/वित्तीय दंड का मामला नहीं होना चाहिए।