Publisher: Hindi Book Centre
प्रस्तुत शोध 'ग्रामीण समुदाय में जनसंख्या नियंत्रण एवं नियोजन (वाराणसी जनपद के हरहुआ विकासखंड पर आधारित एक समाजशास्रीय अध्ययन है) इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के हरहुआ विकासखंड में अवस्थित पाँच गाँवो क्रमश मुर्दहा, बेलवरिया, चौका (भुसौला ) सत्यबालपुर, उंदी आदि गाँवो की विवाहित महिलाओं एवं पुरुषों में परिवार नियोजन की अभिस्वीकृति एवं परिवार नियोजन के प्रति उनकी उन्मुखता तथा जनसंख्या वृद्धि के प्रति उनकी जागरूकता का तथ्यपरक विश्लेषण किया गया है। शोध के अंतर्गत जनसँख्या समस्या को ग्रामीण परिदृश्य में विवेचित करने का प्रयास किया गया है। भारतीय समाज में जनसँख्या की तीव्र वृद्धि ने विकास के अधिकांश लाभांशों को प्रगतिहीन बना दिया है।
ग्रामीण समाजशास्र के प्रसंग में लिखित एक मौलिक पाठ्यग्रंथ का रूप दिया गया है। इसमें जनसँख्या नियंत्रण एवं नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों की प्रभाविकता एवं परिणामों का सम्यक विश्लेषण किया है। किसी भी देश की जनसँख्या में जनांकिकी प्रारूप अर्थात जन्म-मृत्युदर,औसत आयु स्थिति, स्री-पुरुष का सामयिक अनुपात आदि पहलुओं को दर्शाया गया है। समग्र रूप में पुस्तक की उपादेयता उच्च शोध कार्यो में संलग्न शोदकर्ताओं, जनसँख्या नियंत्रको एवं ग्रामीण समाजशास्त्र आदि के लिए महत्व की वस्तु होगी।
रजनीकांत नीरज (जन्म 20 मई, 1981, वाराणसी) समाजशास्त्र के युवा अध्येता हैं। सन 2006 में इन्होंने समाजशास्त्र में राँची विश्विद्यालय से एम. ए. (गोल्ड मेडलिस्ट ) की उपाधि तथा पी. एच. डी. की उपाधि 2012 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय जौनपुर से प्राप्त की है। सम्प्रति में सावित्री देवी महाविद्यालय जौनपुर में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है, 2013 से 2015 तक पोस्ट डॉक्टरल फ़ेलोशिप भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICSSR) एवं 2015 से 2018 तक डॉक्टोरल फेलो UGC, नई दिल्ली समाजशास्त्र विभाग काशी हिन्दू विश्विद्यालय में कार्यरत रहे। इनकी दो पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं।
नीरज के दो दर्जन से अधिक लेख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओ में प्रकाशित है। भारतीय समाजशास्त्रीय सम्मलेन, उत्तर प्रदेश समाजशास्त्रीय सम्मलेन तथा इंडियन मेडिकल कांग्रेस में भी इन्होने अपने शोध प्रपत्र प्रस्तुत किये हैं। ये इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश समाजशास्त्रीय परिषद् के आजीवन सदस्य हैं।
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