भा.सा.वि.अ.प. का अंर्तराष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय एवम विदेशी दोनों शोधार्थियों को सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में परिसंवाद एवम शोध के लिये एक अवसर प्रदान करता है। इसकी परिकल्पना भारत और विदेशों में सामाजिक वैज्ञानिकों के बीच अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए की गई है। परिषद भारत सरकार और अन्य देशों की सरकारों के बीच हस्ताक्षरित सांस्कृतिक आदान-प्रदान समझौतों (सीईपी) और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रमों (ईईपी) के सामाजिक विज्ञान घटक की कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है।
भा.सा.वि.अ.प. के थाईलैंड, फ्रांस और चीन के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम चल रहे हैं। इन सीईपी के तहत, भा.सा.वि.अ.प. का थाईलैंड की राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद (एनआरसीटी), बैंकॉक, फाउंडेशन मैसन डेस साइंसेज डी ल'होमे (एफएमएसएच), पेरिस और चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी (सीएएसएस), बीजिंग के साथ संस्थागत सहयोग सम्मिलित हैं ।
भा.सा.वि.अ.प. ने वियतनाम एकेडमी ऑफ सोशल साइंस (वीएएसएस), वियतनाम; नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ), श्रीलंका; इकॉनॉमिक एंड सोशल रिसर्च काउंसिल (ईएसआरसी), यूके; दी नीदरलैंड साइंटिफिक आर्गेनाईजेशन (एनडब्ल्युओ), नीदरलैंड; जर्मन रिसर्च फाउंडेशन (डीएफजी), जर्मनी; यूएनआईएल-एएलएच (लॉज़ेन विश्वविद्यालय - एसोसिएटेड लीडिंग हाउस), स्विट्जरलैंड; जापान सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस (जेएसपीएस), जापान; नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज (एनआईएचएसएस), दक्षिण अफ्रीका, स्वीडिश रिसर्च काउंसिल फॉर हेल्थ, वर्किंग लाइफ एंड वेलफेयर (एफओआरटीई), स्वीडन, एकेडमी ऑफ साइंसेज एंड आर्ट्स ऑफ बोस्निया एंड हर्जेगोविना (एएनयूबीआईएच), साराजेवो, बोस्निया और हर्जेगोविना के साथ द्विपक्षीय सहयोग स्थापित किया है। द्विपक्षीय सहयोग के ढांचे के भीतर, संबंधित संगठन शोधार्थियों के आदान-प्रदान, संयुक्त संगोष्ठियों, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, पुस्तकों और पत्रिकाओं के आदान-प्रदान आदि जैसी गतिविधियों का संचालन करते हैं।
भा.सा.वि.अ.प. ने खुद को सामाजिक विज्ञान में इंडो-यूरोपियन रिसर्च नेटवर्किंग प्रोग्राम के तहत बॉन ग्रुप जैसे बहुपक्षीय सहयोग में भी सम्मिलित किया है जिसमें आईसीएसएसआर, भारत के साथ एएनआर, फ्रांस; डीएफजी, जर्मनी; ईएसआरसी, यूके; और एनडब्ल्यूओ, नीदरलैंड जैसी प्रतिभागी एजेंसियां सम्मिलित हैं । इस नेटवर्किंग का उद्देश्य प्रासंगिक क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों की अनुमति देने के लिए उच्च स्तरीय वित्तीय सहायता प्रदान करके पांच देशों के अंदर और आपस में भी सामाजिक विज्ञान की मजबूती को बढ़ावा देना था। यह ईयू-इंडिया प्लेटफॉर्म फॉर द सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज (ईक्यूयूआईपी) का एक हिस्सा रहा है, जो एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी विकसित करने के लिए यूरोप और भारत में अनुसंधान हेतु वित्तीय मदद और सहयोग करने वाले संगठनों को एक साथ लाया है। इस साझेदारी के माध्यम से, ईक्यूयूआईपी ने "स्थिरता, सहभागिता, कल्याण और सांस्कृतिक संबंध" पर शोध हेतु वित्तीय मदद के लिये पहला आह्वान किया है।
इसके अतिरिक्त, भा.सा.वि.अ.प. अंतरराष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संगठनों की गतिविधियों में भाग लेता रहा है, जैसे कि, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ सोशल साइंस ऑर्गेनाइजेशन (आईएफएसएसओ), इंटरनेशनल सोशल साइंस काउंसिल (आईएसएससी), साइंस काउंसिल ऑफ एशिया (एससीए), यूनेस्को, आदि।
इस कार्यक्रम के द्वारा ऐसे भारतीय सामाजिक वैज्ञानिकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिन्हें विदेशों में सम्मेलनों में भाग लेने और शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया हो।
भा.सा.वि.अ.प. उन सामाजिक वैज्ञानिकों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करता है जो अपने शोध कार्य के संबंध में डेटा संग्रह या अभिलेखीय सामग्री के अवलोकन हेतु विदेश जाने का इरादा रखते हैं। इस योजना का उद्देश्य केवल उन मामलों में वित्तीय सहायता प्रदान करना है जहां अनुसंधान अध्ययन के अनुमोदित मूल प्रस्ताव में, जिसके तहत यह सहायता मांगी गई है, विदेश में डेटा संग्रह को पूरी तरह उचित ठहराया गया हो।
भा.सा.वि.अ.प. सामाजिक विज्ञान प्रासंगिकता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर संवाद और चर्चा को प्रोत्साहित करने के अपने प्रयास के अंर्तगत भारत में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों/संगोष्ठियों को आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। भा.सा.वि.अ.प. की संगोष्ठी अनुदान योजना का उद्देश्य सामाजिक विज्ञान और अंतःविषय क्षेत्रों के विभिन्न विषयों में अनुसंधान की सुविधा प्रदान करना है। संगोष्ठियां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और विद्वानों को समकालीन और नीति प्रासंगिकता के विषयों पर मत और विचारों का आदान-प्रदान करने और शोध प्रश्नों पर बहस करने और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर अकादमिक शोध परिणाम प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग की योजनाएं