वरिष्ठ फेलोशिप उन वरिष्ठ भारतीय शोधकर्ताओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने परियोजनाओं/प्रकाशनों के माध्यम से सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिनमें प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकें और उच्च प्रभाव कारक वाले विशेषज्ञता-प्राप्त पत्रिकाओं में शोध पत्र शामिल हैं। वरिष्ठ फेलो द्वारा किए गए अध्ययनों से विभिन्न क्षेत्रों में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों के लिए साक्ष्य-आधारित समाधान प्रदान करके राष्ट्र के विकास में योगदान करने की क्षमता होने की उम्मीद है।
पात्रता
- विद्वान भारतीय नागरिक होना चाहिए तथा आवेदन की अंतिम तिथि के अनुसार उसकी उम्र 45 वर्ष से कम और 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- विद्वान के पास पी.एच.डी. की डिग्री होनी चाहिए और भा.सा.वि.अ.प. की सम्मति में, आवेदन करते समय उसके पास सामाजिक विज्ञान या संबद्ध विषयों में शोध करने के लिए आवश्यक योग्यता होनी चाहिए, साथ ही उसके पास प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकें और/या उच्च प्रभाव कारक वाले विशेषज्ञता-प्राप्त पत्रिकाओं में शोध पत्र सहित उत्कृष्ट शोध प्रकाशन होने चाहिए।
- फेलो को यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों/मानद विश्वविद्यालयों, एम.ओ.ई./यूजीसी द्वारा परिभाषित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और भा.सा.वि.अ.प. अनुसंधान संस्थानों से संबद्ध होना चाहिए। निधियों का वितरण संबद्ध/प्रशासित संस्थान के माध्यम से किया जाता है।
- सार्वजनिक वित्तपोषित विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों और शोध संस्थानों में नियमित सेवा करने वाले संकायों को यूजीसी वेतनमान प्राप्त हो रहा है, जिन्हें अपवादात्मक रूप से योग्य मामलों में वेतन संरक्षण प्रदान करने के लिए विचार किया जा सकता है, जिसका निर्णय भा.सा.वि.अ.प. की विशेषज्ञ समितियों द्वारा किया जाएगा। भा.सा.वि.अ.प. की विशेषज्ञ समितियां फेलोशिप प्रस्ताव को परियोजना प्रस्ताव में परिवर्तित करने का अधिकार भी सुरक्षित रखती हैं।
- भा.सा.वि.अ.प. की पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप/शोध परियोजना/कार्यक्रम की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने और वरिष्ठ फेलोशिप के लिए आवेदन करने के बीच न्यूनतम 02 वर्ष का अंतराल अनिवार्य है।
- भा.सा.वि.अ.प. की किसी भी पिछली फेलोशिप/परियोजना/अनुदान के चूककर्ता विचार के पात्र नहीं होंगे।
- एक फेलो, एक ही फेलोशिप के लिए एक से अधिक बार पात्र नहीं है।
अवधि और वित्तीय सहायता
- वरिष्ठ फेलोशिप एक पूर्णकालिक शोध कार्य है।
- फेलोशिप की अवधि दो वर्ष होगी तथा इसे आगे बढ़ाने पर विचार नहीं किया जाएगा।
- फेलोशिप की सहायता-राशि 45,000/- रुपये प्रति माह तथा आकस्मिक अनुदान राशि 40,000/- रुपये प्रति वर्ष है तथा यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुरूप होगा।
- फेलो, नियमों के अनुसार वेतन संरक्षण के अंतर्गत वेतन तथा भत्ते एवं आकस्मिक अनुदान पाने का हकदार है। हालांकि, बच्चों की शिक्षा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, एलटीसी आदि जैसे विशेष भत्ते भा.सा.वि.अ.प. से स्वीकार्य नहीं हैं। हालांकि, मूल संस्थान अपने नियमों के अनुसार इसका भुगतान/प्रतिपूर्ति कर सकता है।
- भा.सा.वि.अ.प. मूल संस्थान के नियमों के अनुसार भा.सा.वि.अ.प. की फेलोशिप ग्रहण करने की अवधि के लिए अवकाश वेतन तथा पेंशन अंशदान या सीपीएफ तथा ग्रेच्युटी के लिए अंशदान का भी भुगतान करेगा।
आवेदन प्रक्रिया
- भा.सा.वि.अ.प. की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुले विज्ञापन के माध्यम से आवेदन-पत्र आमंत्रित किए जाएंगे।
- फेलोशिप प्रदान करने की प्रक्रिया में कई चरणों में विषय-विशेषज्ञों के पैनल द्वारा आवेदनों का मूल्यांकन और पारस्परिक संवाद/आवेदन की प्रस्तुति शामिल होगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
प्रस्ताव की स्वीकृति
विद्वान को अधिनिर्णय पत्र (अवार्ड लेटर) की तारीख से एक महीने के भीतर संबद्ध संस्थान के माध्यम से सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करके फेलोशिप में शामिल होना होगा। इसे भा.सा.वि.अ.प. द्वारा अपवादात्मक परिस्थितियों में आगे बढ़ाया जा सकता है।
किस्त का विवरण
- • प्रथम वर्ष की फेलोशिप और आकस्मिक-निधि दो समान किस्तों में जारी की जाएगी। पहली किस्त अनुदान-सहायता-बिल (जीआईबी) प्राप्त होने के पश्चात और दूसरी किस्त खाते के विवरण के साथ निर्धारित प्रारूप में संतोषजनक छमाही प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी।
- • दूसरे वर्ष की फेलोशिप और आकस्मिक अनुदान-राशि तीन किस्तों में जारी की जाएगी। फेलोशिप की छह महीने की पहली किस्त अनुदान सहायता बिल (जीआईबी) प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। फेलोशिप की 03 महीने की दूसरी किस्त खाते के विवरण के साथ निर्धारित प्रारूप में अगले छह महीनों की संतोषजनक प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। आकस्मिक-निधि के साथ फेलोशिप की शेष अवधि की अंतिम किस्त अंतिम रिपोर्ट प्राप्त करने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा इसकी स्वीकृति और संबद्ध संस्थान के सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फेलोशिप की पूर्ण स्वीकृत राशि के जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का विवरण प्राप्त करने के बाद जारी की जाएगी। तथापि, गैर-सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थान के मामले में, फेलोशिप की अंतिम किस्त जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ खातों का लेखा-परीक्षित विवरण प्राप्त होने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद जारी की जाएगी।
- • सार्वजनिक वित्तपोषित संबद्ध संस्थान को 7.5% उपरिव्यय प्रभार केवल जीएफआर-12ए फॉर्म में उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ लेखा-परीक्षित लेखा विवरण प्रस्तुत करने और भा.सा.वि.अ.प. द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही जारी किया जाएगा।
प्रगति निगरानी
- • फेलोशिप की नियमित निगरानी, विद्वान द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत की गई अर्धवार्षिक और वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के आधार पर, की जाती है। प्रगति रिपोर्ट में देरी होने की स्थिति में, विद्वान से देरी का औचित्य बताने के लिए कहा जा सकता है जिस पर अंतिम निर्णय भा.सा.वि.अ.प. द्वारा लिया जाएगा। विद्वान से भा.सा.वि.अ.प. को अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तिथि निर्दिष्ट करने वाला घोषणा प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है।
- • भा.सा.वि.अ.प. द्वारा शोध कार्य की वार्षिक प्रस्तुति/मध्यावधि मूल्यांकन के लिए कहा जा सकता है।
शोध परिणाम
- • फेलोशिप के दौरान, फेलो को अपने शोध के विषय से संबंधित विशेषज्ञता-प्राप्त पत्रिकाओं या संपादित पुस्तकों में कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित करने होंगे।
- • अंतिम रिपोर्ट की पांडुलिपि (मेनुस्क्रिप्ट) का कॉपीराइट भा.सा.वि.अ.प. के पास रहेगा। भा.सा.वि.अ.प. अपने द्वारा वित्तपोषित फेलोशिप रिपोर्ट को प्रकाशित करने के सभी अधिकार सुरक्षित रखता है, बशर्ते कि कार्य को विशेषज्ञ/विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशन हेतु अनुशंसित किया गया हो। भा.सा.वि.अ.प. से अनुमति प्राप्त होने के बाद ही विद्वान इसे स्वयं प्रकाशित करवा सकते हैं।
- • फेलोशिप के शोध परिणाम से तैयार सभी प्रकाशनों में विद्वान को भा.सा.वि.अ.प. के सहयोग के लिए अभिस्वीकृति ज्ञापित करना होगा।
स्वीकृति के उपरांत अनुरोध
- फेलोशिप की अवधि के दौरान, फेलो को टीए/डीए, अवकाश/छुट्टी और आकस्मिक अनुदान राशि आदि सहित सभी मामलों में संबद्ध संस्थान के नियमों द्वारा शासित किया जाएगा। हालांकि, फेलोशिप की अवधि और राशि चौबीस महीने से अधिक नहीं होगी।
- भा.सा.वि.अ.प. से कोई भी फेलोशिप स्वीकार करते समय, किसी फेलो को किसी अन्य संस्थान से कोई अन्य फेलोशिप या शोध परियोजना या नियमित कार्य स्वीकार नहीं करना चाहिए।
- विद्वान पर उनके कैरियर/शोध कैरियर में किसी भी अनुशासनात्मक/कानूनी कार्रवाई/कार्यवाही/वित्तीय दंड का मामला नहीं होना चाहिए।