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जल जीवन मिशन भारत सरकार द्वारा 2024 तक ग्रामीण भारत में प्रत्‍येक घर में नल के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक अग्रणी पहल है जो सभी के लिए पानी और स्वच्छता की उपलब्धता और सतत प्रबंधन पर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 6 (एसडीजी 6) के अनुरूप है।

वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वच्छ जल तक की पहुंच में अब तक हुए परिवर्तन, बेहतर जल गुणवत्ता के कारण स्वास्थ्य परिणामों में सुधार और उत्पादकता में वृद्धि तथा स्वास्थ्य देखभाल लागत में कमी जैसे सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को मापने के लिए एक व्यापक अध्ययन अनिवार्य है। एक व्यापक सर्वेक्षण पर आधारित अनुभवजन्य अनुसंधान जमीनी स्तर पर मिशन की प्रभावशीलता का आकलन, प्रगति का मूल्यांकन एवं चुनौतियों की पहचान कर सकता है और पेयजल संकट को कम करने और ग्रामीण भारत पर इसके समग्र प्रभाव हेतु विभिन्न क्षेत्रों में नियोजित सफल रणनीतियों को उजागर कर सकता है।

हितधारकों जिसमें लाभार्थीगण, स्थानीय अधिकारी, कार्यान्वयन एजेंसियां और अन्य शामिल हैं, का सर्वेक्षण करने से ग्रामीण भारत में सतत जल प्राप्ति में आने वाली बुनियादी ढाँचे की कमियों, परिचालन चुनौतियों और बाधाओं की पहचान करने में सहायता मिलेगी। जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन को इष्‍टतम स्‍तर पर ले जाने के लिए ध्‍यान केंद्रित करने हेतु उपर्युक्‍त मुद्दों को प्रभावशाली रूप से संबोधित करने एवं रणनीतियों और नीतियों को परिष्कृत करने के लिए इस तरह के साक्ष्य-आधारित शोध महत्वपूर्ण हैं।

अध्ययन के परिणाम से शासन संरचनाओं, संसाधन आवंटन एवं सतत प्रथाओं गतिविधियों के समन्‍वयन में सुधार लाकर दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित की जा सकती हैं। अध्ययन का उद्देश्य ग्रामीण जल आपूर्ति और प्रबंधन क्रियाओं के बारे में नया ज्ञान सृजन करना है जिसमें स्वदेशी ज्ञान और पारंपरिक जल प्रबंधन प्रणालियाँ शामिल हैं। इस ज्ञान को अकादमिक प्रकाशनों, नीति संबंधी जानकारियां, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं के माध्यम से प्रसारित किया जा सकता है जिससे जल-संसाधन नियंत्रण, संधारणीयता और ग्रामीण विकास पर व्यापक चर्चा में योगदान मिल सकता है।

महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि

17-09-2024

भा.सा.वि.अ.प. में आवेदन पत्र की मुद्रित प्रति प्राप्त करने की अंतिम तिथि

23-09-2024