सामाजिक विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए भारत-जर्मनी वित्त पोषण का अवसर
पृष्ठभूमि
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (भा.सा.वि.अ.प.) और जर्मन रिसर्च फाउंडेशन (डी.एफ.जी. – ड्यूश फ़ोर्सचुंग्सगेमिनशाफ्ट), जर्मनी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसरण में, दोनों एजेंसियां सामाजिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में संयुक्त भारत-जर्मन शैक्षणिक अनुसंधान परियोजनाओं हेतु प्रस्ताव आमंत्रित करती हैं। सहयोग का अवसर पूरे वर्ष बिना किसी समय-सीमा के खुला रहेगा।
एजेंसियां, विशेष रूप से कुछ प्रारंभिक सहयोग अनुभव वाले प्रमुख जांचकर्ताओं की टीमों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में रुचि रखती हैं।
द्विपक्षीय सहयोग से प्राप्त होने वाले पारस्परिक लाभ के महत्व तथा सामाजिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच समानता के आधार पर अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त करना।
रूपरेखा
इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सामाजिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना और सशक्त करना है जिससे पारस्परिक हित तथा लाभ के प्रासंगिक क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट अनुसंधान हेतु संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों को अनुमति देने के लिए वित्तपोषण प्रदान किया जा सके। यह भा.सा.वि.अ.प. और डी.एफ.जी. के बीच संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के समर्थन के लिए एक सह-वित्तपोषण प्रणाली है।
यह प्रणाली निम्नलिखित कार्यक्रमों पर आधारित है:
भा.सा.वि.अ.प.: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम
डी.एफ.जी., जर्मन रिसर्च फाउंडेशन - व्यक्तिगत अनुसंधान अनुदान (सचबैहिल्फे)
पात्रता
आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त शोध या शैक्षणिक संस्थान में शोध या शैक्षणिक पद पर स्थायी रूप से कार्यरत होना चाहिए जो या तो सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित विश्वविद्यालय/महाविद्यालय, यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त मानद विश्वविद्यालय या सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित शोध संस्थान या भा.सा.वि.अ.प. शोध संस्थान/मान्यता प्राप्त संस्थान हो। उनके पास पीएचडी या समकक्ष योग्यता भी होनी चाहिए और उच्च गुणवत्ता वाले शोध में उनकी रुचि होनी चाहिए जो पूर्व अध्ययनों, प्रकाशनों और शैक्षणिक पृष्ठभूमि से स्पष्ट हो सकती है।
वित्तपोषण
भारतीय पक्ष के लिए प्रति प्रस्ताव अधिकतम 25 लाख रुपये तक का वित्तपोषण भा.सा.वि.अ.प. से उपलब्ध है। भा.सा.वि.अ.प. का वित्तपोषण अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर नई पहल के लिए कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाता है। परियोजना की अवधि दो से तीन वर्ष होनी चाहिए।
यह आशा की जाती है कि साझेदारी के जर्मन घटक को समर्थन देने हेतु डी.एफ.जी. निधि का उपयोग किया जाएगा जबकि भा.सा.वि.अ.प. निधि का उपयोग भारतीय घटक को समर्थन देने के लिए किया जाएगा।
जर्मनी स्थित प्रमुख साझेदार और भारत स्थित प्रमुख साझेदार की पहचान की जानी चाहिए जिनमें से प्रत्येक प्रस्ताव के संयुक्त लेखन और अपने संबंधित देशों में इसे प्रस्तुत करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
प्रस्ताव तैयार और प्रस्तुत करना
शोध प्रस्ताव की तैयारी संबंधित एजेंसी की प्रस्ताव तैयारी संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप प्रस्तुत किया जाना चाहिए। प्रस्ताव प्रस्तुत करने की पात्रता संबंधित भा.सा.वि.अ.प. और डी.एफ.जी. कार्यक्रमों के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगी। भा.सा.वि.अ.प. और डी.एफ.जी. अपने राष्ट्रीय प्रस्ताव-प्रारूपों का उपयोग करेंगे। जर्मन शोधकर्ता प्रस्ताव की जर्मन प्रति प्रस्तुत करने हेतु डी.एफ.जी. की इलेक्ट्रॉनिक प्रस्तुत प्रणाली "एलन" (https://elan.dfg.de/) का उपयोग करेंगे। यह कार्यक्रम पूरे वर्ष खुला रहेगा और इसे घोषणा के बाद किसी भी समय प्रस्तुत किया जा सकेगा। संयुक्त प्रस्ताव का भारतीय और जर्मन संस्करण अपने वैज्ञानिक सार (आधुनिकीकरण, उद्देश्य, कार्य कार्यक्रम आदि) में समान होना चाहिए। क्रमशः अच्छे वैज्ञानिक अध्ययन और वैज्ञानिक कदाचार-निवारण के लिए आवेदक को भा.सा.वि.अ.प. और डी.एफ.जी. के नियमों से सहमत होना चाहिए।
आचार-नीति
जर्मन और भारतीय दोनों के शोधकर्ताओं को अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने से पहले आचार-नीति संबंधी मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
समीक्षा प्रक्रिया और वित्तपोषण निर्णय
भा.सा.वि.अ.प. और डी.एफ.जी. द्वारा परियोजनाओं की वैज्ञानिक गुणधर्मिता/गुणवत्ता, वैज्ञानिक सहयोग के औचित्य और भाग लेने वाली टीम के सदस्यों की योग्यता सहित सुसंगतता के आधार पर प्रस्तावों का अलग-अलग मूल्यांकन किया जाएगा।
एजेंसियों के बीच समीक्षा प्रक्रिया के परिणाम साझा किए जाएंगे। केवल उन्हीं प्रस्तावों के लिए वित्तपोषण प्रदान किया जाएगा जिनके लिए भा.सा.वि.अ.प. और डी.एफ.जी. दोनों ही वित्तपोषण की अनुशंसा करेंगे। संयुक्त पहल के केवल एक हिस्से का एकतरफा वित्तपोषण संभव नहीं होगा।
संपर्क
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:
भा.सा.वि.अ.प., नई दिल्ली:
श्री एम.पी. मधुकर
उप निदेशक, प्रभारी, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम,
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (भा.सा.वि.अ.प.),
अरुणा आसफ अली मार्ग, जेएनयू संस्थागत क्षेत्र,
नई दिल्ली-110067 (भारत)
ईमेल: adinchargeics[at]gmail[dot]com
जर्मन पक्ष के लिए अधिक जानकारी हेतु:
डी.एफ.जी. – ड्यूश फ़ोर्सचुंग्सगेमिनशाफ्ट - अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: व्यक्तिगत अनुदान कार्यक्रम में स्थायी खुले प्रस्ताव के अवसर
https://www.dfg.de/de/aktuelles/neuigkeiten-themen/info-wissenschaft/2024/ifr-24-49